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तेल और गैस उद्योग स्वचालन से आगे स्वायत्तता की मांग कर रहा है

तेल और गैस उद्योग स्वचालन से आगे स्वायत्तता की मांग कर रहा है

बर्नस्टीन की एक रिपोर्ट के अनुसार, तेल और गैस क्षेत्र क्लाउड टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और उन्नत एनालिटिक्स में निवेश को तेज़ी से बढ़ाकर अपने डिजिटल परिवर्तन को गति दे रहा है। कंपनियां अब बुनियादी स्वचालन से आगे बढ़कर अधिक स्वायत्त और बुद्धिमान संचालन की ओर बढ़ रही हैं, और उन तकनीकों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं जो निष्कर्षण और उत्पादन प्रक्रियाओं की दक्षता बढ़ाने का वादा करती हैं।

बर्नस्टीन के विश्लेषक रिचर्ड गुयेन ने कहा कि ऊर्जा कंपनियां पूंजी और परिचालन व्यय को तेजी से डिजिटल समाधानों की ओर मोड़ रही हैं, ताकि उनका कारोबार मैन्युअल प्रबंधन पर कम निर्भर रहे और परिचालन बाधाओं के प्रति अधिक सक्षम बन सके। गार्टनर के आंकड़ों के अनुसार, तेल और गैस क्षेत्र में आईटी खर्च 2025 से 2029 के बीच औसतन 7.4% प्रति वर्ष की दर से बढ़ने की उम्मीद है—जो कॉरपोरेट औसत से थोड़ा कम है, लेकिन उद्योग में प्रणालीगत आधुनिकीकरण को दर्शाने के लिए पर्याप्त है।

हालांकि, AI का कार्यान्वयन अभी शुरुआती चरण में है। बर्नस्टीन का अनुमान है कि केवल 13% तेल और गैस कंपनियों ने ही एजेंट-आधारित AI को लागू किया है, जबकि लगभग आधी कंपनियां 2026 तक ऐसा करने की योजना बना रही हैं। अपनाने में प्रमुख बाधाओं में साइबर सुरक्षा संबंधी चिंताएं, डेटा प्रबंधन की समस्याएं और बौद्धिक संपदा की सुरक्षा शामिल हैं—विशेष रूप से परिचालन तकनीक प्रणालियों में, जहां त्रुटियों की लागत परंपरागत रूप से बहुत अधिक होती है।

फिर भी, संभावित प्रभाव काफी बड़ा दिखाई देता है। रिस्टैड के अनुसार, डिजिटल पहलों से 2026 से 2030 के बीच उद्योग को लगभग 320 अरब डॉलर की बचत हो सकती है। सबसे अधिक लाभ ड्रिलिंग, प्रिडिक्टिव मेंटेनेंस, रिज़र्वॉयर प्रबंधन, लॉजिस्टिक्स और स्वायत्त रोबोटिक्स में अपेक्षित है। एजेंट-आधारित AI की ओर इस बदलाव का एक शुरुआती उदाहरण SLB टेला प्लेटफॉर्म का लॉन्च है, जिसे बर्नस्टीन ने इस प्रकार का पहला व्यावसायिक रूप से उपलब्ध टूल बताया है।

क्लाउड और एज कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म पहले ही पूरी वैल्यू चेन—निष्कर्षण से लेकर प्रसंस्करण तक—में एकीकृत किए जा रहे हैं। शेल, बीपी और टोटलएनर्जीज़ जैसी कंपनियां लागत घटाने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए इन तकनीकों का उपयोग कर रही हैं। बर्नस्टीन के अनुसार, लगभग दो-तिहाई ऑपरेटर पहले ही अपने आईटी और ऑपरेशनल टेक्नोलॉजी स्टैक्स को एकीकृत कर चुके हैं, जिससे प्रिडिक्टिव मेंटेनेंस और रिमोट एसेट मैनेजमेंट को लागू करना संभव हुआ है।

जेनरेटिव AI और रियल-टाइम डेटा स्ट्रीम्स का उपयोग करके कंपनियां अब परिसंपत्तियों और प्रक्रियाओं के डिजिटल ट्विन बनाना शुरू कर रही हैं, जिनके जरिए “व्हाट-इफ” परिदृश्यों का सिमुलेशन किया जा सकता है और मौजूदा परिस्थितियों के आधार पर भविष्य के परिणामों का आकलन किया जा सकता है। डिजिटल ट्विन के अलावा, ऐसी इमर्सिव तकनीकों में फील्ड ऑपरेशंस की दक्षता और सुरक्षा बढ़ाने की भी क्षमता है, जिससे उल्लेखनीय लागत बचत हो सकती है।

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